Zulm-O-Sitam

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

ज़ुल्म-ओ-सितम को भी हम तो अदा समझे
पर मेरी चाहत को जाने वो क्या समझे
खुद तो भला जाना मुझको बुरा समझे
पर मेरी चाहत को जाने वो क्या समझे

लाया था दिल को नज़र करने
क़ुरबान ये जान-..ओ-जिगर करने
उनके बिना मेरा हाल है क्या
आया था उनको खबर करने
आया था उनको खबर करने
ताल दिया लेकिन मुझको भला समझे
ज़ुल्म-ओ-सितम को भी हम तो अदा समझे

हाय दिल मेरे बुरे है दिन तेरे
के मार ही ना डाले किसी की बेदिली
उनका मुसकराना गली मे आना-जाना
हमारा लूट जाना हमारी ग़लती
जान के दुश्मन को जान-ए-वफ़ा समझे
ज़ुल्म-ओ-सितम को भी हम तो अदा समझे

क्या है मोहब्बत प्यार है क्या, कोई उन्हे बतलाए ज़रा
हुस्न ग़ज़ब का हुस्न सही, जान तो ले दिलदार है क्या
जान तो ले दिलदार है क्या
बात तो करते है बात बिना समझे
ज़ुल्म-ओ-सितम को भी हम तो अदा समझे
पर मेरी चाहत को जाने वो क्या समझे
खुद तो भला जाना मुझको बुरा समझे

Wissenswertes über das Lied Zulm-O-Sitam von Mohammed Rafi

Wer hat das Lied “Zulm-O-Sitam” von Mohammed Rafi komponiert?
Das Lied “Zulm-O-Sitam” von Mohammed Rafi wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

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