Kab Aaoge

Vijay Akela

हो हो हो हो हो ह्म ह्म ह्म हा हा हा

बहारें बीतने को है
बताओ न कब आओगे

ह्म बहारें बीतने को है
बताओ न कब आओगे
उम्मीदें रीतने को हैं
बताओ न कब आओगे
तेरे बिन दिल ये प्यासा है
कब तलक यूँ तरसाओगे
परिंदे लौटने को हैं
बताओ न कब आओगे

अभी जो तुम चले आते
हवा सैंडल दी हो जाती
अभी जो तुम चले आते
हवा सैंडल दी हो जाती
के दरिया रुख बदल लेता
घडी मखमल सी हो जाती
मुझे भी चैन मिल जाता
तबियत भी संभल जाती
नज़ारे डूबने को हैं
बताओ न कब आओगे
उम्मीदें रीतने को हैं
बताओ न कब आओगे

इन आँखों ने तेरी सूरत
कुछ इस तरह संभाली है
इन आँखों ने तेरी सूरत
कुछ इस तरह संभाली है
के इनमें तुम अगर ना हो
तोह दर्पण खली खली है
बस तेरे आने भर से मेरी
ये हसरत ही मचल जाती
सभी अब पूछने को है
बताओ न कब आओगे
उम्मीदें रीतने को हैं
बताओ न कब आओगे

हो हो हो हो हो हो हो हो हो हो

Wissenswertes über das Lied Kab Aaoge von Mohit Chauhan

Wer hat das Lied “Kab Aaoge” von Mohit Chauhan komponiert?
Das Lied “Kab Aaoge” von Mohit Chauhan wurde von Vijay Akela komponiert.

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