Saale Sapne

Kausar Munir

साले सपने
ओ साले सपने

उड़े उड़े बादल का एक टुकड़ा
कैसे मैं तोडूं
डूबे डूबे दरिया का एक कोना
कैसे निचोडूं
कैसे बताओ न रात दिन
काटूं मैं धुप की डोरियाँ
बाँधूँ मैं छाओं की बोरियाँ
जानू ना ना ना ना
ओ साले सपने मैं तेरे सदके
बस गया है तू मेरी नस में
अब जहाँ तू आ रहा हूँ मैं वहां
ओ साले सपने मैं तेरे सदके
हो गया हू में तेरे बस में
अब जहाँ तू आ रहा हूँ मैं वहां

हाँ मैंने चाँद को चुरा के
मैंने लोरियां सुना के
मैंने खुद को था सुलाया
सो जा सो जा सो जा
पर तूने बत्तियां जला दी
तूने धज्जियाँ उड़ा दी
तूने नींद से उठाया
अबे साले सपने
अब तो जागूँगा मैं रात दिन
होश उड़ा दूंगा मैं तेरा
पीछा न छोडूंगा मैं तेरा
छोडूंगा ना ना ना
ओ साले सपने मैं तेरे सदके
बस गया है तू मेरी नस में
अब जहाँ तू आ रहा हूँ मैं वहां
ओ साले सपने मैं तेरे सदके
हो गया हू में तेरे बस में
अब जहाँ तू आ रहा हूँ मैं वहां
ओ ओ

तू भी है बड़ा कमीना
मैं भी कम नहीं दीवाना
दोनों का है एक गाना
ऐ हे ओ हो आ हा
आजा छोड़ दे बगावत
आजा ओड़ ले मोहब्बत
आजा तुझसे क्या छुपाना
अबे साले सपने
मुझको भी लत है तेरी
तुझको भी चस्का मेरा
एक ही रस्ता तेरा मेरा
आओ ना ना ना ना
ओ साले सपने तू मेरे सदके
बस गया हू मे तेरी नस में
अब जहाँ तू आ रहा हूँ मैं वहां
ओ साले सपने मैं तेरे सदके
हो गया हे तू मेरे बस में
अब जहाँ तू आ गया हूँ मैं वहां
हो हो हो हो हो

Wissenswertes über das Lied Saale Sapne von Mohit Chauhan

Wer hat das Lied “Saale Sapne” von Mohit Chauhan komponiert?
Das Lied “Saale Sapne” von Mohit Chauhan wurde von Kausar Munir komponiert.

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