Ankhon Mein Rang Kyon Aaya

JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT

आँखों में रंग क्यों आया बोलो नशा सा क्यों छाया
हमको ये राज़ बतलाओ दिल खो के तुमने क्या पाया

चमकी नसीब की राहें हम क्यों न आज इतरायें
राहों से हट गए कांटे तो फूल क्यों न मुस्काएं
आँखों में रंग क्यों आया

मुखड़े पे सुबह की धुप ये खिलता खिलता रूप
काजल लकीर चितवन के तीर ये नैना रूप अनूप

तुम क्या समझो ये राज़ उल्फ़त के ये अंदाज़
सुन के ज़रूर होगा गुरुर और करने लगोगे नाज़

ऐसा ख़याल मत कीजे हम से ये भेद कह दीजे
हम भी तो आप ही के हैं हमसे यूँ शरम न कीजे

चमकी नसीब की राहें हम क्यों न आज इतराये
राहों से हट गए कांटे तो फूल क्यों न मुस्काये
आँखों में रंग क्यों आया

तरसाओ ना यूँ हमदम तुम्हें नाज़ ओ अदा की क़सम
जल्दी से बोल दो ये राज़ खोल दो अपना बना दो सनम

हर दिन न कहूँगी ये बात जोड़ोगे न जब तक हाथ
बनके नसीब रहना क़रीब ज्यूं तारा चाँद के साथ

तुमसे जुदा न होंगे हम बदलें हज़ार ये आलम
हम तुमपे जान दे देंगे जाती है सांस की सरगम
आँखों में रंग क्यों आया बोलो नशा सा क्यों छाया(आँखों में रंग क्यों आया बोलो नशा सा क्यों छाया)
हमको ये राज़ बतलाओ दिल खो के तुमने क्या पाया(हमको ये राज़ बतलाओ दिल खो के तुमने क्या पाया)
आँखों में रंग क्यों आया(आँखों में रंग क्यों आया)

Wissenswertes über das Lied Ankhon Mein Rang Kyon Aaya von Mukesh

Wer hat das Lied “Ankhon Mein Rang Kyon Aaya” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Ankhon Mein Rang Kyon Aaya” von Mukesh wurde von JAIKSHAN SHANKAR, JAIPURI HASRAT komponiert.

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