Chand Si Mehbooba Ho Meri

ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH

चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

ना रस्में हैं ना कसमें हैं
ना शिकवे हैं ना वादे हैं
ना रस्में हैं ना कसमें हैं
ना शिकवे हैं ना वादे हैं
इक सूरत भोली भाली है
दो नैना सीधे सादे हैं
दो नैना सीधे सादे हैं

ऐसा ही रूप खयालों में था
जैसा मैंने सोचा था

हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

मेरी खुशियाँ ही ना बाँटे
मेरे ग़म भी सहना चाहे
मेरी खुशियाँ ही ना बाँटे
मेरे ग़म भी सहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलों के
मेरे दिल में रहना चाहे
मेरे दिल में रहना चाहे

इस दुनिया में कौन था ऐसा
जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था

Wissenswertes über das Lied Chand Si Mehbooba Ho Meri von Mukesh

Wer hat das Lied “Chand Si Mehbooba Ho Meri” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Chand Si Mehbooba Ho Meri” von Mukesh wurde von ANAND BAKSHI, ANANDJI V SHAH, KALYANJI VIRJI SHAH komponiert.

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