Gore Gore Chand Se Mukh Pe

Arzoo Lakhnavi, Laxmikant Pyarelal

गोरे गोरे चाँद से मुख पर
काली काली आँखें हैं
गोरे गोरे चाँद से मुख पर
काली काली आँखें हैं
देख के जिनको नींद उड़ जाए
वो मतवाली आँखें हैं
गोरे गोरे

मुँह से पल्ला क्या सरकाना
मुँह से पल्ला क्या सरकाना
इस बादल में बिजली है
दूर ही रहना
दूर ही रहना
दूर ही रहना
इनसे क़यामत
ढाने वाली आँखें हैं
गोरे गोरे चाँद से मुख पर
काली काली आँखें हैं
गोरे गोरे

बे जिनके अंधेर है सब कुछ
बे जिनके अंधेर है सब कुछ
ऐसी बात है इनमें क्या
आँखें आँखें
आँखें आँखें
आँखें आँखें
सब हैं बराबर
कौन निराली आँखें हैं
गोरे गोरे चाँद से मुख पर
काली काली आँखें हैं
गोरे गोरे

बे देखे आराम नहीं है
बे देखे आराम नहीं है
देख तो दिल का चैन गया
देखने वाले
देखने वाले
देखने वाले
यूँ कहते हैं
भोली भाली आँखें हैं
देख के जिनको नींद उड़ जाए
वो मतवाली आँखें हैं
गोरे गोरे चाँद से मुख पर
काली काली आँखें हैं
गोरे गोरे

Wissenswertes über das Lied Gore Gore Chand Se Mukh Pe von Mukesh

Wer hat das Lied “Gore Gore Chand Se Mukh Pe” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Gore Gore Chand Se Mukh Pe” von Mukesh wurde von Arzoo Lakhnavi, Laxmikant Pyarelal komponiert.

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