Kahin Door Jab Din Dhal Jaye [Lofi Beat]

Yogesh, Salil Chowdhury

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए
मेरे ख़यालों के आँगन में
कोई सपनों के दीप जलाए
दीप जलाए
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए

कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें
भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें
कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें
भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें
तभी मचल के, प्यार से छलके
छुए कोई मुझे पर नज़र न आए
नज़र न आए
कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए (चुपके से आए)
कहीं तो ये, दिल कभी, मिल नहीं पाते
कहीं से निकल आए, जनमों के नाते

कहीं दूर जब दिन ढल जाए
साँझ की दुल्हन बदन चुराए
चुपके से आए

Wissenswertes über das Lied Kahin Door Jab Din Dhal Jaye [Lofi Beat] von Mukesh

Wer hat das Lied “Kahin Door Jab Din Dhal Jaye [Lofi Beat]” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Kahin Door Jab Din Dhal Jaye [Lofi Beat]” von Mukesh wurde von Yogesh, Salil Chowdhury komponiert.

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