Meri Jaan Na Zulfen Kholo
मेरी जान ना जुल्फे खोलो
कही रत ठहर जाए
मेरी जान
मेरी जान ना जुल्फे खोलो
कही रत ठहर ना जाए
मेरी जान मेरी जान
बेताब हवाए ऐसे मे
खुसबु ना उड़ाले बालो की
खिलती हुई कालिया चुपके से
रंगत ना चुराले गालो की
ये रंग कही बात जाए ना
ये हुस्न बिखर ना जाए
मेरी जान
मेरी जान ना जुल्फे खोलो
कही रत ठहर ना जाए
मेरी जान
इन फूल सी नाज़ुक बहो से
हर साख लचकना ना ले
यू जान के गहरी सांस ना लो
हर मौज छलकना सिख ना ले
लहराके तुम्हारे आचल तक
हर सोख नज़र ना जाए
मेरी जान
मेरी जान ना जुल्फे खोलो
कही रत ठहर ना जाए
मेरी जान मेरी जान
तुम यूही कयामत लगती हो
अब ओर अदाए जाने दो
माथे पे ये बाल क्यू डाले है
इस दर्जा सजाए जाने दो
इतना भी किसी से रूठो ना
कोई जी से गुजर ना जाए
मेरी जान
मेरी जान ना जुल्फे खोलो
कही रत ठहर ना जाए
मेरी जान
मेरी जान ना जुल्फे खोलो
कही रत ठहर ना जाए
मेरी जान मेरी जान.