Qatil Hai Teri Har Ada

Indeevar

क़ातिल है तेरी हर अदा हर दिल है तुझ पर फिदा
राही अपनी मज़िल भूले देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा
प्यारी है तू इतनी खुदा भी तो चाहता होगा
हसी है तू खुदा भी तो मानता होगा

क़ातिल है तेरी हर अदा

छम छम चमके तेरा बदन यू सागर पर किर्ने
मुस्कानो मे मोटी छुपे है सिपो सी पलके

छम छम चमके तेरा बदन यू सागर पर किर्ने
मुस्कानो मे मोटी छुपे है सिपो सी पलके
महफ़िल मे है हर दिल मे है
महफ़िल मे है हर दिल मे है
तेरा ही जलवा

राही अपनी मज़िल भूले देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा

पंख नही है जिसके ऐसी तू है रूप पारी
जन्नत को क्यो छोड़ा तूने फलाक़ से क्यो उतरी
जब देखो तब करते है लब
जब देखो तब करते है लब
तेरा ही चरचा

राही अपनी मज़िल भूले देख के तेरा चेहरा
क़ातिल है तेरी हर अदा

Wissenswertes über das Lied Qatil Hai Teri Har Ada von Mukesh

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Das Lied “Qatil Hai Teri Har Ada” von Mukesh wurde von Indeevar komponiert.

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