Sab Kuchh Seekha Ham Ne

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी

सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

दुनिया ने कितना समझाया
कौन है अपना कौन पराया
फिर भी दिल की चोट छुपा कर
हमने आपका दिल बहलाया
खुद पे मर मिटने की ये ज़िद थी हमारी
खुद पे मर मिटने की ये ज़िद थी हमारी
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

दिल का चमन उजड़ते देखा
प्यार का रंग उतरते देखा
हमने हर जीने वाले को
धन दौलत पे मरते देखा
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी
दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

असली नकली चेहरे देखे
दिल पे सौ सौ पहरे देखे
मेरे दुखते दिल से पूछो
क्या क्या ख्वाब सुनहरे देखे
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी
टूटा जिस तारे पे नज़र थी हमारी
सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी
सच है दुनियावालों कि हम हैं अनाड़ी

Wissenswertes über das Lied Sab Kuchh Seekha Ham Ne von Mukesh

Wer hat das Lied “Sab Kuchh Seekha Ham Ne” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Sab Kuchh Seekha Ham Ne” von Mukesh wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

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