Sukh Aur Dukh Is Duniya Men

Shadab Akhtar

सुख और दुःख इस दुनिआ में तक़दीर ने बाटे है
एक दमन में फूल भरे है एक में काटे है
हो एक में काटे है

जो पापी का नाश करे वो अपराधी कहलाये
लेकिन ये तक़दीर का लिखा कोई बादल न पाये
जब खुद इंसाफ का मालिक देखके चुप रह जाये
हो सुख और दुःख इस दुनिआ में तक़दीर ने बाटे है
एक दमन में फूल भरे है एक में काटे है

रोना इसका देख रहा है तू इंसाफ के वाली
अपने लहू से की थी जिसने बगिया की रखवाली
आग लगा दी इस दुनिआ ने जल गयी सब हरयाली
हो सुख और दुःख इस दुनिआ में तक़दीर ने बाटे है
एक दमन में फूल भरे है एक में काटे है

Wissenswertes über das Lied Sukh Aur Dukh Is Duniya Men von Mukesh

Wer hat das Lied “Sukh Aur Dukh Is Duniya Men” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Sukh Aur Dukh Is Duniya Men” von Mukesh wurde von Shadab Akhtar komponiert.

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