Tu Lakhon Men Hai Ek Sanam

Qamar Jalalabadi

तू लाखो मे है एक सनम
तू लाखो मे है एक सनम
तुझ सी हसीना देखी कभी ना
सारे जहाँ मे तेरी कसम हाय तेरी कसम
तू लाखो मे है एक सनम
तू लाखो मे है एक सनम

क्यूँ घूँघट ने डाले घेरे
क्यूँ बैठे हो नज़रे फेरे
रूठी हो क्यूँ हमसे हसीना
आओ मनाए हम, आओ मनाए हम
तू लाखो मे है एक सनम
तू लाखो मे है एक सनम

याद तुम्हारी पास बुला के रख लू अपने दिल मे छुपा के
इसी बहाने जान-ए-तमन्ना साथ रहो हरदम, साथ रहो हरदम
तू लाखो मे है एक सनम
तू लाखो मे है एक सनम
तुझ सी हसीना देखी कभी ना सारे जहाँ मे तेरी कसम हाय तेरी कसम
तू लाखो मे है एक सनम
तू लाखो मे है एक सनम

Wissenswertes über das Lied Tu Lakhon Men Hai Ek Sanam von Mukesh

Wer hat das Lied “Tu Lakhon Men Hai Ek Sanam” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Tu Lakhon Men Hai Ek Sanam” von Mukesh wurde von Qamar Jalalabadi komponiert.

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