Tum Mahakti Jawan Chandni Ho

Khaiyyaam, Jan Nishar Akhtar

तुम महकती जवा चाँदनी हो
चलती फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी रूप भी रागिनी भी
जो भी सोचु तुम्हे तुम वही हो
तुम महकती जवा चाँदनी हो

नर्म आँचल से छनती ये खुशबु
मेरे हर ख्वाब पर च्छा गई है
नर्म आँचल से छनती ये खुशबु
मेरे हर ख्वाब पर च्छा गई है
जब भी तुम पर निगाहें पड़ी है
दिल मैं एक प्यास लहरा गई है
तुम तो सच मुच चलकती नदी हो
चलती फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी रूप भी रागिनी भी
जो भी सोचु तुम्हे तुम वही हो
तुम महकती जवा चाँदनी हो

जब से देखा है चाहा है तुमको
ये फसाना चला है यही से
जब से देखा है चाहा है तुमको
ये फसाना चला है यही से
कब तलक़ दिल भटकता रहेगा
माँग लू आज तुमको तुम्ही से
तुम तो खुद प्यार हो ज़िंदगी हो
चलती फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी रूप भी रागिनी भी
जो भी सोचु तुम्हे तुम वही हो
तुम महकती जवा चाँदनी हो
चलती फिरती कोई रोशनी हो
रंग भी रूप भी रागिनी भी
जो भी सोचु तुम्हे तुम वही हो
तुम महकती जवा चाँदनी हो

Wissenswertes über das Lied Tum Mahakti Jawan Chandni Ho von Mukesh

Wer hat das Lied “Tum Mahakti Jawan Chandni Ho” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Tum Mahakti Jawan Chandni Ho” von Mukesh wurde von Khaiyyaam, Jan Nishar Akhtar komponiert.

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