Yeh Shahar Bada Albela

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला
सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर

जवाँ शहर दिलवालों का हमारे जैसे मतवालों का
गले मिले सब यहाँ पे आकर नहीं भेद गोरे-कालों का

नियुम्मा

ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला
सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर

ये मुस्कराती नटखट गुड़ियाँ यह हुस्न वाली मीठी छुरियाँ
ज़रा देर को सब चकराएँ कहाँ से आईं इतनी परियाँ

नमस्ते

ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला
सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर

जिधर से गुज़रे हम मस्ती में बहार आई उस बस्ती में
चलें प्यार के नग़में गाते है घर किसी दिल की दिल्ली में

नियुम्मा

ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
ये शहर बड़ा अलबेला हर तरफ़ हसीनों का मेला
पर और भी है कुछ आगे तू चला चल अकेला
सिंगापुर सिंगापुर सिंगापुर

Wissenswertes über das Lied Yeh Shahar Bada Albela von Mukesh

Wer hat das Lied “Yeh Shahar Bada Albela” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Yeh Shahar Bada Albela” von Mukesh wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

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