Zindagi Khwab Hai

SHAILENDRA, Salil Chowdhury

रंगी को नारंगी कहे बने दूध को खोया
चलती को गाड़ी कहे देख कबीरा रोया

ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
सब सच है
ज़िंदगी ख़्वाब है

दिल ने हमसे जो कहा हमने वैसा ही किया
दिल ने हमसे जो कहा हमने वैसा ही किया
फ़िर कभी फ़ुरसत से सोचेंगे बुरा था या भला
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख़्वाब है

एक कतरा मय का जब पत्थर से होंठों पर पड़ा
एक कतरा मय का जब पत्थर से होंठों पर पड़ा
उसके सीने में भी दिल धड़का ये उसने भी कहा क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िन्दगी ख़्वाब है

एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी हाय
एक प्याली भर के मैंने ग़म के मारे दिल को दी
ज़हर ने मारा ज़हर को मुरदे में फिर जान आ गई
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
ज़िंदगी ख़्वाब है ख़्वाब में झूठ क्या
और भला सच है क्या
सब सच है ऐसे

Wissenswertes über das Lied Zindagi Khwab Hai von Mukesh

Wann wurde das Lied “Zindagi Khwab Hai” von Mukesh veröffentlicht?
Das Lied Zindagi Khwab Hai wurde im Jahr 2010, auf dem Album “The Soulful Voice” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Zindagi Khwab Hai” von Mukesh komponiert?
Das Lied “Zindagi Khwab Hai” von Mukesh wurde von SHAILENDRA, Salil Chowdhury komponiert.

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