Toh Phir Aao [Awarapan]
Pritam (Composed By Mustafa Zahid), Sayeed Quadri
तो फिर आओ मुझको सताओ
तो फिर आओ मुझको रुलाओ
दिल बादल बने
आँखें बहने लगें
आहें ऐसे उठें
जैसे आँधी चले
तो फिर आओ मुझ को सताओ
तो फिर आओ मुझ को रुलाओ हो हो
आ भी जाओ आ भी जाओ
आ भी जाओ आ भी जाओ
हो आ भी जाओ आ भी जाओ
आ भी जाओ हो
ग़म ले जा तेरे
जो भी तूने दिए
या फिर मुझ को बता
इनको कैसे सहें
तो फिर आओ मुझ को सताओ
तो फिर आओ मुझ को रुलाओ हो
आ भी जाओ आ भी जाओ
आ भी जाओ आ भी जाओ
हो आ भी जाओ आ भी जाओ
आ भी जाओ हो
आ अब तो इस मंज़र से मुझको चले जाना है
जिन राहों में मेरा यार है, उन राहों को मुझे पाना है
तो फिर आओ, मुझको सताओ
तो फिर आओ, मुझको रुलाओ
हो, आ भी जाओ, आ भी जाओ
आ भी जाओ, आ भी जाओ
हो, आ भी जाओ, आ भी जाओ
आ भी जाओ, हो