Dulhe Ka Sehra [Male]

SAIFI NADEEM, PANDY SAMEER (T), RATHOD SHRAVAN

आआआआआ
आआआआआ
आआआआआ
आआआआआ

शहनाइयों की सदा कह रही है
ख़ुशी की मुबारक घड़ी आ गई है
सजी सुर्ख़ जोड़े में चाँद से दुल्हन
ज़मीं पे फलक से परी आ गयी है

आआआआआ आआआआआ
आआआआआ आआआआआ
आआआआआ आआआआआ
आआआआआ आआआआआ
आआआआआ आआआआआ

नि नि सा सा ध ध नि नि प प म प
प प म प रे रे ग ग प म प रे
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है

दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
पल भर में कैसे बदलते हैं रिश्ते
पल भर में कैसे बदलते हैं रिश्ते
अब तो हर अपना बेग़ाना लगता है

दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है

सात फेरों से बंधा जन्मों का ये बंधन
प्यार से जोड़ा है रब ने प्रीत का दामन

सात फेरों से बंधा जन्मों का ये बंधन
प्यार से जोड़ा है रब ने प्रीत का दामन
हैं नई रस्में, नई कसमें, नई उलझन
होंठ हैं खामोश लेकिन कह रही धड़कन

धड़कन-धड़कन, धड़कन-धड़कन
धड़कन-धड़कन, धड़कन-धड़कन
धड़कन, मेरी धड़कन, धड़कन, तेरी धड़कन
धड़कन, मेरी धड़कन, धड़कन, तेरी धड़कन
धड़कन, धड़कन, धड़कन, धड़कन
धड़कन, धड़कन, धड़कन, धड़कन, धड़कन
मेरी धड़कन, मेरी धड़कन

मुश्किल अश्कों को छुपाना लगता है
मुश्किल अश्कों को छुपाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
पल भर में कैसे बदलते हैं रिश्ते
अब तो हर अपना बेग़ाना लगता है

दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है

मैं तेरी बाहों के झूले में पली बाबुल
जा रही हूँ छोड़ के तेरी गली बाबुल
मैं तेरी बाहों के झूले में पली बाबुल
मैं तेरी बाहों के झूले में पली बाबुल
मैं तेरी बाहों के झूले में पली बाबुल
जा रही हूँ छोड़ के तेरी गली बाबुल
खूबसूरत ये ज़माने याद आएँगे
चाह के भी हम तुम्हे ना भूल पाएँगे

मुश्किल
मुश्किल-मुश्किल दामन को छुड़ाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
मुश्किल दामन को छुड़ाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
पल भर में कैसे बदलते हैं रिश्ते
अब तो हर अपना बेग़ाना लगता है

दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है
दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है

दुल्हे का सेहरा सुहाना लगता है(आ आ आ आ आ)
दुल्हन का तो दिल दीवाना लगता है(आ आ आ आ आ)

धड़कन-धड़कन, धड़कन-धड़कन
धड़कन-धड़कन, धड़कन, धड़कन-धड़कन
धड़कन-धड़कन, धड़कन-धड़कन
धड़कन-धड़कन, धड़कन, धड़कन-धड़कन

Wissenswertes über das Lied Dulhe Ka Sehra [Male] von Nusrat Fateh Ali Khan

Wer hat das Lied “Dulhe Ka Sehra [Male]” von Nusrat Fateh Ali Khan komponiert?
Das Lied “Dulhe Ka Sehra [Male]” von Nusrat Fateh Ali Khan wurde von SAIFI NADEEM, PANDY SAMEER (T), RATHOD SHRAVAN komponiert.

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