Khushboo Lagte Ho

Nizamuddin Nizam

खुश्बू लगते हो कभी बाद ए सबा लगते हो
खुश्बू लगते हो कभी बाद ए सबा लगते हो
कोई मौसम हो बहारो की अदा लगते हो
खुश्बू लगते हो कभी बाद ए सबा लगते हो ओ ओ

अपने मिलने में मुलाकात की लसक हीं नही
अपने मिलने में मुलाकात की लसक हीं नही
तुम मेरे पास हो और मुझसे जुदा लगते हो
कोई मौसम हो बहारो की अदा लगते हो
खुश्बू लगते हो कभी बाद ए सबा लगते हो ओ ओ

लाख पर्दे हो नज़र ढूँढ ही लेती हैं तुम्हे
लाख पर्दे हो नज़र ढूँढ ही लेती हैं तुम्हे
सब में शामिल हो अगर सबसे जुदा लगते हो ओ
कोई मौसम हो बहारो की अदा लगते हो ओ
खुश्बू लगते हो कभी बाद ए सबा लगते हो ओ ओ

कल तो रो रो के मनाया था तुम्हें हमने निज़ाम
कल तो रो रो के मनाया था तुम्हें हमने निज़ाम
आज क्या बात हैं फिर हमसे खफा लगते हो ओ
कोई मौसम हो बहारो की अदा लगते हो ओ
खुश्बू लगते हो कभी बाद ए सबा लगते हो ओ ओ

Wissenswertes über das Lied Khushboo Lagte Ho von Pamela Singh

Wann wurde das Lied “Khushboo Lagte Ho” von Pamela Singh veröffentlicht?
Das Lied Khushboo Lagte Ho wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Raaz- E- Dil” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Khushboo Lagte Ho” von Pamela Singh komponiert?
Das Lied “Khushboo Lagte Ho” von Pamela Singh wurde von Nizamuddin Nizam komponiert.

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