Phir Se Mausam Bahaaron Ka [Edit Live]
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फिर से रंगीन ज़माना बदल जाएगा
अब के बाज़में चरगा सजाएँगे हम
अब के बाज़में चरगा सजाएँगे हम
ये भी अरमान दिल का निकल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फीकी फीकी से क्यूँ शामे मैखना हैं
लुफ्ट पी साक़ी भी कम खाली पैमाना हैं
फीकी फीकी से क्यूँ शामे मैखना हैं
लुफ्ट पी साक़ी भी कम खाली पैमाना हैं
अपनी नॅज़ारो ही से कुच्छ पीला दीजिए
अपनी नॅज़ारो ही से कुच्छ पीला दीजिए
रंग महफ़िल का खुद ही बदल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
आज़माएँगे अपने मुक़द्दर को हम
करके बयान दस्ताने आलम
आज़माएँगे अपने मुक़द्दर को हम
करके बयान दस्ताने आलम
हो ना हो हम पे उनकी निगाहे करम
हो ना हो हम पे उनकी निगाहे करम
दिल का अरमान तो अपने निकल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
आप कर्दे जो मुझपे निगाहे करम
मेरी उलफत का रह जाएगा कुच्छ भरम
आप कर्दे जो मुझपे निगाहे करम
मेरी उलफत का रह जाएगा कुच्छ भरम
ये फसाना तो मेरा रहेगा यूँही
ये फसाना तो मेरा रहेगा यूँही
सिर्फ़ उर्वान इसका बदल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
आपने दिल जो ज़ाहिद का तोड़ा तो क्या
आपने उसकी दुनिया को छ्चोड़ा तो क्या
आपने दिल जो ज़ाहिद का तोड़ा तो क्या
आपने उसकी दुनिया को छ्चोड़ा तो क्या
आप इतने तो आख़िर परेशान ना हो
आप इतने तो आख़िर परेशान ना हो
वो संभालते संभालते संभाल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं
फिर से रंगीन ज़माना बदल जाएगा
अब के बाज़में चरगा सजाएँगे हम
ये भी अरमान दिल का निकल जाएगा
फिर से मौसम बहारों का आने को हैं