Saqiya Saqiya Sambhaal Hamen [Live]

Ahmed Faraz

बोहोत बोहोत शुक्रिया, आखिर मे जनाब अहमद फराज़ का कलाम
आपके खिदमत मे पेश कर रही हूँ

ले उड़ा फिर कोई ख़याल हमें
ले उड़ा फिर कोई ख़याल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें

रो रहे हैं कि एक आदत है
रो रहे हैं कि एक आदत है
वरना इतना नहीं मलाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें

हम यहाँ भी नहीं हैं ख़ुश लेकिन
हम यहाँ भी नहीं हैं ख़ुश लेकिन
अपनी महफ़िल से मत निकाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें

हम तेरे दोस्त हैं फ़राज़ मगर
हम तेरे दोस्त हैं फ़राज़ मगर
अब न और उलझनों में डाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें
ले उड़ा फिर कोई ख़याल हमें
साक़िया साक़िया सँभाल हमें

Wissenswertes über das Lied Saqiya Saqiya Sambhaal Hamen [Live] von Pamela Singh

Wann wurde das Lied “Saqiya Saqiya Sambhaal Hamen [Live]” von Pamela Singh veröffentlicht?
Das Lied Saqiya Saqiya Sambhaal Hamen [Live] wurde im Jahr 2009, auf dem Album “Khazana '85 ( Live )” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Saqiya Saqiya Sambhaal Hamen [Live]” von Pamela Singh komponiert?
Das Lied “Saqiya Saqiya Sambhaal Hamen [Live]” von Pamela Singh wurde von Ahmed Faraz komponiert.

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