Sham E Firaaq Ab Na Pooch [Live]

Faiz Ahmed Faiz

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब का कलाम राग दरबारी मे पेश कर रही हूँ

शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ

जब तुझे याद कर लिया सुबहे महक महक गयी
जब तुझे याद कर लिया आ आ आ, सुबहे महक महक गयी इ इ इ
जब तेरा ग़म जगा लिया
जब तेरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ

बज़्म-ए-ख़याल में तेरे हुस्न की शम्मा जल गई
बज़्म-ए-ख़याल में तेरे, आ आ आ आ आ
बज़्म-ए-ख़याल में तेरे हुस्न की शम्मा जल गई, इ इ इ
दर्द का चाँद बुझ गया हिज्र की रात ढल गई
दर्द का चाँद बुझ गया हिज्र की रात ढल गई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ

दिल से तो हर मोआमला कर के चले थे साफ़ हम
दिल से तो हर मोआमला, मोआमला, मोआमला
दिल से तो हर मोआमला कर के चले थे साफ़ हम
कहने में उन के सामने बात बदल बदल गई
कहने में उन के सामने बात बदल बदल गई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
दिल था कि फिर बहल गया जाँ थी कि फिर सँभल गई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ

शुक्रिया

Wissenswertes über das Lied Sham E Firaaq Ab Na Pooch [Live] von Pamela Singh

Wann wurde das Lied “Sham E Firaaq Ab Na Pooch [Live]” von Pamela Singh veröffentlicht?
Das Lied Sham E Firaaq Ab Na Pooch [Live] wurde im Jahr 2009, auf dem Album “Khazana '85 ( Live )” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Sham E Firaaq Ab Na Pooch [Live]” von Pamela Singh komponiert?
Das Lied “Sham E Firaaq Ab Na Pooch [Live]” von Pamela Singh wurde von Faiz Ahmed Faiz komponiert.

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