Hanuman Ki Bhujayien

Payal Dev, Manoj Muntashir

सिन्दूर तन पे मलके
ज्वाला से जगमगायें
कानो के दोनो कुंडल
तारो से झिलमिलायें

हो सिन्दूर तन पे मलके
ज्वाला से जगमगायें
कानो के दोनो कुंडल
तारो से झिलमिलायें
संभव नहीं हमारे ये पांव लड़खड़ाएं
थामे हुए हैं हमको
हनुमान की भुजाएँ
चिंता के मेघ गरजे
पर हम डरे कहां है
बजरंग दुःख जगत के तुमसे बड़े कहाँ है
चिंता के मेघ गरजे
पर हम डरे कहां है
बजरंग दुःख जगत के तुमसे बड़े कहाँ है

सागर के पार जा कर
सीता को खोज लाये
संजीवनी का पर्वत हाथो पे हो उठाएं

लंका जला दी जिसने वो शूरवीर तुम हो
जो चीर दे गगन को, वो अग्नि तीर तुम हो
हे राम दूत आओ
हे राम दूत आओ
जिसे तुम ना भेद पाओ
संकट हमारे आखिर इतने कड़े कहां है
बजरंग दुःख जगत के तुमसे बड़े कहाँ है
चिंता के मेघ गरजे
पर हम डरे कहां है
बजरंग दुःख जगत के तुमसे बड़े कहाँ है

किसको झुकाएं माथा
किस से लगायें आशा
तुम ने ही पाला पोसा तुम पे ही है भरोसा
हे राम के पुजारी
दुविधा हरो हमारी
याचक खड़ा है आपके द्वारे
हे नाथ बिन तुम्हारे
दुखिया करे कहां है
बजरंग दुःख जगत के तुमसे बड़े कहाँ है
चिंता के मेघ गरजे
पर हम डरे कहां है
बजरंग दुःख जगत के तुमसे बड़े कहाँ है

Wissenswertes über das Lied Hanuman Ki Bhujayien von Payal Dev

Wer hat das Lied “Hanuman Ki Bhujayien” von Payal Dev komponiert?
Das Lied “Hanuman Ki Bhujayien” von Payal Dev wurde von Payal Dev, Manoj Muntashir komponiert.

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