Kuch Baatein

Kunaal Vermaa

माना हम यहाँ है
दिल मगर वहां है
बड़ी दूर हमसे
हमसफ़र मेरा है

बनके हवा आ भी जाऊं मैं लेकिन
नहीं जानती उसके दिल में है क्या

कुछ बातें है केहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते है
जो मेरे दिल में है उसके है या नहीं
सोच कर हर दफा घबराते है

कुछ बातें है केहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते है

साथ तेरा हमें हर कदम चाहिये
ज़िंदगी में हमें सिर्फ तुम चाहिये
इससे ज्यादा हमें कुछ नहीं चाहिये
आरज़ू है यही मेरे बन जाइये

तुम्हे मानते है खुदा से भी ज्यादा
हमारी नज़र से कभी देखना

कुछ बातें है केहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते है
जो मेरे दिल में है उसके है या नहीं
सोच कर हर दफा घबराते है

शाम वो आखरी याद है आज भी
होके हम तुम जुदा फिर मिले ना कभी
दिल ये कहता रहा रोकलो तुम हमें
तुमने जाते हुए कुछ कहा ही नहीं

आँखों में नहीं एक आँशु मगर
दिल में कितनी बरसाते है
जा रहे है सनम महफिलों से तेरी
प्यार तेरा यही छोड़ जाते है

ये दुबारा कभी आंख में ना चुभे
ख्वाब तेरे सभी तोड़ जाते है

कुछ बातें है केहनी उनसे
चाह के भी नहीं कह पाते है
जो मेरे दिल में है उसके है या नहीं
सोच कर हर दफा घबराते है

Wissenswertes über das Lied Kuch Baatein von Payal Dev

Wer hat das Lied “Kuch Baatein” von Payal Dev komponiert?
Das Lied “Kuch Baatein” von Payal Dev wurde von Kunaal Vermaa komponiert.

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