Laapata
Rashmi Virag
इस खेल का कौन है बादशाह
बाज़ी चले पर है लापता
कठपुतलिया हम सारे यहाँ
डोर है किसकी किसको पता
ख़तरा ख़तरा है हर पल साँसों में
देखो ख़तरा ख़तरा
ना अपनी बाज़ी पे इतना इतरा इतरा
ना जाने कोई कल को क्या होगा क्या हाँ क्या
धोखा है राहों पे बिखरा बिखरा
इस खेल का कौन है बादशाह
बाज़ी चले पर है लापता
कठपुतलिया हम सारे यहाँ
डोर है किसकी किसको पता
साफ दिखता कुछ नही है
इक धुआँ सा हर कहीं है
डगमगाना हर कदम पे
लाज़मी है लाज़मी है
एक तिनके की तरह सब
आँधियों में उड़ रहा है
चाल छिपके इस जहाँ से
कौन है जो चल रहा है
हर तरफ ज़ोर की
चल रही है आँधियाँ
इस खेल का कौन है बादशाह
बाज़ी चले पर है लापता
कठपुतलिया हम सारे यहाँ
डोर है किसकी किसको पता