Jai Jai Surnayak Jan Sukh Dayak

K. S. Chithra

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता
गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता
पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोइ
जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोइ

जय जय अविनासी सब घट बासी व्यापक परमानंदा
अविगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा

जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा
निसि बासर ध्यावहिं गुनगन गावहिं जयति सच्चिदानंदा

जयति सच्चिदानन्दा, जयति सच्चिदानन्दा

जयति सच्चिदानन्दा (जयति सच्चिदानन्दा)

Wissenswertes über das Lied Jai Jai Surnayak Jan Sukh Dayak von Ravindra Jain

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Das Lied “Jai Jai Surnayak Jan Sukh Dayak” von Ravindra Jain wurde von K. S. Chithra komponiert.

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