Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishaani

K. S. Chithra, M. G. Sreekumar

प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भरत शीश धरी लीन्ही

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी (राम भक्त ले चला रे राम की निशानी)
शीश पर खड़ाऊँ अखियुं में पानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी निशानी (राम भक्त ले चला रे राम की निशानी)
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी

शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे
राम सिया जी संग हो जैसे
अब इनकी छाँव में रहेगी राजधानी

राम भक्त ले चला रे राम की निशानी निशानी (राम भक्त ले चला रे राम की निशानी)
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी

एक दिन तुम मुझे छोड़ कर चली गयी थी
आज मे तुझे छोड़ कर जा रहा हू
पल छिन लागे सदिओं जैसे चौदह बरस कटेंगे कैसे
जाने समय क्या खेल रचेगा कौन मरेगा कौन बचेगा
कब रे मिलन के फूल खिलेंगे नदियाँ के दो फूल मिलेंगे
जी करता है यही बस जाए
हिल मिल चौदह बरस बिताए
राम बिन कठिन है एक घड़ी बितानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी (राम भक्त ले चला रे राम की निशानी)
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी

तन मन बचन उमंगी अनुरागा
धीर धुरंधर धीरज त्यागा
भावना में बह चले धीर वीर ज्ञानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी
शीश पर खड़ाऊँ अखियुं में पानी
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी (राम भक्त ले चला रे राम की निशानी)
राम भक्त ले चला रे राम की निशानी

Wissenswertes über das Lied Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishaani von Ravindra Jain

Wer hat das Lied “Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishaani” von Ravindra Jain komponiert?
Das Lied “Ram Bhakt Le Chala Re Ram Ki Nishaani” von Ravindra Jain wurde von K. S. Chithra, M. G. Sreekumar komponiert.

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