Shiksha Prapt Karne Ko Chale Hain Brahmchari

Mohanlal

शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
सेवक है संग मे ना संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी

पगपग चलना भूमि पे सोना सयंम से विचलित नही होना
भिक्षा माँग के भोजन पाना
ब्रह्मचारिया के नियम निभाना
भारतिय बतुको की परंपरा है न्यारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी
सेवक है संग मे ना संग है सवारी
शिक्षा प्राप्त करने को चले हैं ब्रह्मचारी
मथुरा से अवन्तिका चले है हैं ब्रह्मचारी

Wissenswertes über das Lied Shiksha Prapt Karne Ko Chale Hain Brahmchari von Ravindra Jain

Wer hat das Lied “Shiksha Prapt Karne Ko Chale Hain Brahmchari” von Ravindra Jain komponiert?
Das Lied “Shiksha Prapt Karne Ko Chale Hain Brahmchari” von Ravindra Jain wurde von Mohanlal komponiert.

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