Humko Na Mohabbat Karne De

Shabbir Ahmed

ज़ालिमों का अगर
पत्थर का दिल ना होता
मैं तेरी होती
और तू मेरा होता
दिन रात दीवानों को
क्यूँ लोग तड़पने दें
दुनिया यह कैसी दुनिया है
हुमको ना मोहब्बत करने दे
हुमको ना मोहब्बत करने दे
हुमको ना मोहब्बत करने दे

आ रोकें शहर से
इक चाँद है उतरा
ख्वाबों की ज़मीन से
हुआ डोर अंधेरा

तडपए पचहताए
हुमको किया बर्बाद
तन्हाई में रह के
हम हो गये आबाद
मुझे नज़रें यह सबकी
नही बाहों में भरने दे
दुनिया यह कैसी दुनिया है
हुमको ना मोहब्बत करने दे

हुमको ना मोहब्बत करने दे
हुमको ना मोहब्बत करने दे

तुझे भूले से ना भुला सके
चाहे रूह कफ़ज़ खुदा करे
ला लाला लाला लाला

तुझे भूले से ना भुला सके
चाहे रूह कफ़ज़ खुदा करे
तुझे छ्चीन लेनेगे खुदा से हम
मेरे इश्क़ को समझो ना कम
तुझे मेरी दुआ ना मरने दे

हुमको ना मोहब्बत करने दे
हुमको ना मोहब्बत करने दे

Wissenswertes über das Lied Humko Na Mohabbat Karne De von Saaj Bhatt

Wer hat das Lied “Humko Na Mohabbat Karne De” von Saaj Bhatt komponiert?
Das Lied “Humko Na Mohabbat Karne De” von Saaj Bhatt wurde von Shabbir Ahmed komponiert.

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