Dil Dharhaknay Ka Sabab
NASIR KAZMI, USTAD AMANAT ALI KHAN
दे ना
आ… दे ना
दिल धड़कने का सबब
याद आया, याद आया
दिल धड़कने का सबब
याद आया, याद आया
वो तेरी याद थी अब याद आया
दिल धड़कने का सबब
याद आया, याद आया
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते हैं
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते हैं
लेकिन जब रुख्सत हुए तब
याद आया, याद आया
हो तेरी याद थी अब याद आया
दिल धड़कने का सबब
याद आया, याद आया
आज मुश्किल था सम्भलना हे दोस्त
आज मुश्किल था सम्भलना हे दोस्त
तू मुसीबत में जब आया
याद आया
हो तेरी याद थी अब याद आया
दिल धड़कने का सबब
याद आया, याद आया
बेथ कर साया-ए-गुल में ना सिरफ
बेथ कर साया-ए-गुल में ना सिरफ
हम बहुत रोये
वो जब याद आया, याद आया
हो.. तेरी याद थी अब याद आया
दिल धड़कने का सबब
याद आया, याद आया