Sapna Hai Sach Hai
सपना है सच है कि जादू है या जाने क्या है
बहता समय एक पल को यहीं थम गया है
लगता है था लिखा
तू है मेरे लिए
और मुझे भी तेरा होना ही था
कितने दिन था ये मन तरसा
जीना हर पल था दो भरसा
कल जीवन था सूना सूना
सुख का बादल अब है बरसा
जैसे पंछी अंबर पाए
जैसे नदिया सागर पाए
ऐसे मैने तुमको पाया
जैसे राधा गिरधर पाए
लगता है था लिखा
तू है मेरे लिए
और मुझे भी तेरा होना ही था
(?)
जागी आशा कब की सोई
तुम हो मैं हूँ, और ना कोई
दूर कहीं पर अपना हो घर
सोचूँ मैं ये खोई खोई
कहने को जो मेरा मन है
अब वो तेरा सिंघासन
तेरा पहरा इन साँसों पर
तेरी जोगन ये धड़कन है
लगता है था लिखा
तू है मेरे लिए
और मुझे भी तेरा होना ही था (और मुझे भी तेरा होना ही था)