Sar Sar Sar Sarayein
Rakesh Kumar
सर सर सर सरायें
ओ जंगली हवाएँ ओ
पेड़ओ की सांखे दिखलाये
ऑंखे पंछी डराये ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
सर सर सर सरायें
ओ जंगली हवाएँ ओ
पेड़ओ की सांखे दिखलाये
ऑंखे पंछी डराये ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
जाने वओ घर की डगर
अटके है जाने किधर
अन्जानी है हर दिशा
गलिय है न ही सड़क
पग डंडिया है हर
तरफ कैसे बनी क्या पता
शेर दहाड़े क्यओं दिन
दहाडे भालु चिलए ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
रेट है गहरी हुई
फिर भी ठहरी हुई
सूरज की रओशनी
कओई सहारा मिला
उंगली पकड़ने लगा
हसने लगी जिंदगी
सर सर सर सरायें
ओ जंगली हवाएँ ओ
पेड़ओ की सांखे दिखलाये
ऑंखे पंछी डराये ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ ऑय ओ
सर सर सर सरायें ओ.