Ae Mere Zohra Jabeen
Budhaditya Mukherjee
ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं
तुझे मालूम नहीं
तू अभी तक है हंसीं
और मैं जवां
तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान
ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं
तुझे मालूम नहीं
तू अभी तक है हंसीं
और मैं जवां
तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान
दो मीठे बोल जान-ए-मन
जो मुस्कुराके बोल दे
तो धडकनों में आज भी
शराबी रंग घोल दे
ओ सनम
ओ सनम मैं तेरा आशिक़-ए-जाबिदाँ
ओ सनम
ओ सनम मैं तेरा आशिक़-ए-जाबिदाँ
ऐ मेरी ज़ोहरा ज़बीं
तुझे मालूम नहीं
तू अभी तक है हंसीं
और मैं जवां
तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान
तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान
तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान