Dard-E-Dil Dard-E-Jigar
Laxmikant Pyarelal, ANANDSHI BAKSHI, ANAND BAKSHI, KUDALKAR LAXMIKANT, PYARELAL RAMPRASAD SHARMA
हं हं हं हं हं हं हं हं
आपकी मदहोश नज़रें कर रही हैं शायरी
आपकी मदहोश नज़रें कर रही हैं शायरी
ये ग़ज़ल मेरी नहीं ये ग़ज़ल है आपकी
मैंने तो बस वो लिखा जो कुछ लिखाया आपने
दर्द ए दिल दर्द ए जिगर दिल में जगाया आपने
दर्द ए दिल दर्द ए जिगर दिल में जगाया आपने
पहले तो मैं शायर था पहले तो मैं शायर था
आशिक बनाया आपने
दर्द ए दिल दर्द ए जिगर दिल में जगाया आपने
दर्द ए दिल दर्द ए जिगर दिल में जगाया आपने