Dil Kho Ke
क्या ऐसा ज़िन्दगी मैं हैं कोई
जिससे तुम अपना कहोगे
मुझे भी ऐसा लगता हैं क्या होगा कोई
मेरे लिए कहीं पे
दिल के रहा मिलेगी नज़र दिल खोके
हा हा दिल के रहा मिलेगी नज़र दिल खो के
ऐसा लगे हर रास्ता गुज़र रहा
बस तेरी गली से होके
ऐसा लगे हर रास्ता गुज़र रहा
बस तेरी गली से होके
दिल कह रहा मिलेगी नज़र दिल खोके
करूं वही जो मन कहें
कहें मन तुझसे बातें करूं
ढूंढों तुम्हे उन्ही राहों पे
अब उस राह पे ही चलूँ
आरज़ू
हैं हज़ारों यहां
मैं और तू
ढूंढे अब अपना जहां
मिली हैं नज़र अगर हम क्यों उनको रोके
दिल के रहा मिलेगी नज़र दिल खोके
खुद पे मैं फिदा तो हूँ
करूं मैं जो मर्ज़ी मेरी
हो जाए अगर तू मुझपे फिदा
तो बात बनेगी कहीं
रूबरू
हम एक दूसरे से यहां
मैं और तू
हो ख्वाहिशें बेइंतहां आ आ
मैं और तुम हूँ अपनी जगह अनोखे
पर दिल कहरहे मिलेगी नज़र दिल खोके