Saibo [Rendition]
मन ये साहेब जी
जाने है सब जी
फिर भी बनाये बहाने
नैना नवाबी जी
देखें है सब जी
फिर भी न समझे इशारे
मन ये साहेब जी हाँ करता बहाने
नैना नवाबी जी
न समझे इशारे(समझे इशारे)
धीरे धीरे
नैनों को धीरे धीरे
जिया को धीरे धीरे
भायो रे साएबो
धीरे धीरे
बेगाना धीरे धीरे
अपना सा धीरे धीरे
लागे रे साएबो
साएबो
साएबो
सुर्खियाँ है हवाओं में
दो दिलों के मिलने की
अर्जियां है नज़ारों में
हा लम्हां ये थम जाने की
हो कैसे हुज़ूर जी ये लब दिखलाये
चुप्पी लगा के भी गज़ब है ये ढाये
धीरे धीरे
नैनों को धीरे धीरे
जिया को धीरे धीरे
भायो रे साएबो
धीरे धीरे
बेगाना धीरे धीरे
अपना सा धीरे धीरे
लागे रे साएबो
साएबो
साएबो
धीरे धीरे
नैनों को धीरे धीरे
जिया को धीरे धीरे
भायो रे साएबो
धीरे धीरे
बेगाना धीरे धीरे
अपना सा धीरे धीरे
लागे रे साएबो
साएबो
साएबो
साएबो हाय
साएबो