Kaisey Jiyun
क्यूँ आँख नम है
शायद याद है तेरी
क्यूँ आज ग़म है
ये चाहत है मेरी
तुमसे थी सुबह
थी रातें मेरी
तू बेवफ़ा है
किस्मत है मेरी
हो गए हम ज़ुदा क्यूँ बता
हो गई क्या खता तू बता
कैसे जियूँ
कैसे रहूँ
जिया जाय ना
कैसे कहूँ
कैसे सहूँ
जिया जाए ना
कैसे जियूँ
कैसे रहूँ
जिया जाय ना
कैसे कहूँ
कैसे सहूँ
जिया जाए ना
क्यूँ रूकी है पलके
आहट में तेरी
क्या कह रही है
ये ख़ामोशी मेरी
इसे पागलपन कहो
मदहोशी मेरी
तू बेवफ़ा है
किस्मत है मेरी
हो गए हम जुदा क्यूँ बता
हो गई क्या खता तू बता
कैसे जियूँ
कैसे रहूँ
जिया जाय ना
कैसे कहूँ
कैसे सहूँ
जिया जाए ना
कैसे जियूँ
कैसे रहूँ
जिया जाय ना
कैसे कहूँ
कैसे सहूँ
जिया जाए ना
ये है
कैसे जियूँ
कैसे रहूँ
कैसे जियूँ
कैसे रहूँ