Khudi
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
गवाह हैं गुज़रे ज़माने
जले हैं जब परवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
गवाह हैं गुज़रे ज़माने
जले हैं जब परवाने
ठहरा है आलम यह
रुकना न तुझको गवारा
ठहरा है वक्त भी
इस पल किसी का न पहरा
उड़े जो दिल की पतंग से
जुड़े हैं वे याराने
जवाँ दिन जब ज़िंदगी के
शब ए गम हों बेगाने
ख्वाबों के बादलों में
उड़ा है ओ दीवाने
गवाह हैं गुज़रे ज़माने
जले हैं जब परवाने
गवाह हैं गुज़रे ज़माने
जले हैं जब परवाने
खुदी को खुद से मिलाने
चला है ओ दीवाने
लिख दे ये फ़साना
देखे जो ज़माना
तारों से आगे हो
ख्वाबों का ठिकाना
लिख दे यह फ़साना
देखे को ज़माना
तारों से आगे हो
ख्वाबों का ठिकाना
है झुका जहाँ
छट गया धुआँ
है रुका समाँ
हम हुए रवाँ
है झुका जहाँ
छट गया धुआँ
हम हुए रवाँ
ओओओओओओ ओओओओओओ