Karun Kya Aas Nirash Bhai

ARZOO LUCKNOWI, PANKAJ MULLICK

आ करू क्या आस निराश भई
करू क्या आस निराश भई
करू क्या आस निराश भई
करू क्या आस निराश भई
दीया बुझे फिर से जल जाए
रात अंधेरी जाए दिन आए
दीया बुझे फिर से जल जाए
रात अंधेरी जाए दिन आए
मिटती आस है ज्योत अखियाँ की
मिटती आस है ज्योत अखियाँ की
समज गयी तो गयी
करू क्या आस निराश भई
करू क्या आस निराश भई
करू क्या आस निराश भई

जब ना किसी ने राह सुझाई
दिल से एक आवाज़ ये आई
जब ना किसी ने राह सुझाई
दिल से एक आवाज़ ये आई
हिम्मत बाँध संभल बढ़ आगे
रोक नही है कोई
हिम्मत बाँध संभल बढ़ आगे
रोक नही है कोई
कहो ना आस निराश भई
कहो ना आस निराश भई

करना होगा खून का पानी
देना होगी हर कुर्बानी
हिम्मत है इतनी तो समज ले
हिम्मत है इतनी तो समज ले
आस बँधेगी नयी
आस बँधेगी नयी
कहो ना आस निराश भई
कहो ना आस निराश भई
कहो ना आस निराश भई

Wissenswertes über das Lied Karun Kya Aas Nirash Bhai von के एल सेगल

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Das Lied “Karun Kya Aas Nirash Bhai” von के एल सेगल wurde von ARZOO LUCKNOWI, PANKAJ MULLICK komponiert.

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