Mohabbat Mein Kabhi Aisi

D N Madhok

मोहब्बत में कभी ऐसी हालत पाई जाती है
मोहब्बत में कभी ऐसी हालत पाई जाती है
तबीयत और घबराती है जब पहलाई जाती है
तबीयत और घबराती है जब पहलाई जाती है

झिझक कर गुफ्त गु करना है अपना राज़ कह देना आआआआ
झिझक कर गुफ्त गु करना है अपना राज़ कह देना
किसी नाज़ुक से पर्दे मे
किसी नाज़ुक से पर्दे मे तमन्ना पाई जाती है
किसी नाज़ुक से पर्दे मे तमन्ना पाई जाती है
मोहब्बत मे कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है

मोहब्बत दिल मे छुप सकती है आँखो मे नही छुपती आआआआ
मोहब्बत दिल मे छुप सकती है आँखो मे नही छुपती
जबा खामोश है लेकिन
जबा खामोश है लेकिन नज़र शर्मा ही जाती है
जबा खामोश है लेकिन नज़र शर्मा ही जाती है
मोहब्बत मे कभी ऐसी भी हालत पाई जाती है
तबीयत और घबराती है जब पहलाई जाती है

Wissenswertes über das Lied Mohabbat Mein Kabhi Aisi von के एल सेगल

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Das Lied “Mohabbat Mein Kabhi Aisi” von के एल सेगल wurde von D N Madhok komponiert.

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