Us Mast Nazar Pe

D N Madhok

उस मस्त नज़र पे पड़ी जो नज़र
कजरे ने कहा मत देखो इधर
मैं ने कहा मैं तो देखूँगा
कजरे न कहा देखो जी मगर
ऐ जी उलझ न जाना
कहीं उलझ न जाना
कहीं उलझ न जाना
देखो जी कहीं उलझ न जाना

सुन्दर मुखड़ा नैन सुहाने
सुन्दर मुखड़ा नैन सुहाने
जोबन के द्वार पे जैसे खड़े हों दो मस्ताने
जैसे खड़े हों दो मस्ताने
भरी नज़र से देखा किसी ने
भरी नज़र से देखा किसी ने
बोले पास नहीं आना
कहीं उलझ न जाना
बोले पास नहीं आना
कहीं उलझ न जाना
देखो जी कहीं उलझ न जाना

कजरे की जोरी हँसे चोरी चोरी
कजरे की जोरी हँसे चोरी चोरी
जादू नज़र का चला के
नज़र के सहारे अदाओं के मारे
ज़ुल्फ़ो का जाल बिछा के
नज़र के सहारे अदाओं के मारे
ज़ुल्फ़ो का जाल बिछा के
देख के हाथ बढ़ाना
कहीं उलझ न जाना
देख के हाथ बढ़ाना
कहीं उलझ न जाना
देखो जी कहीं उलझ न जाना

Wissenswertes über das Lied Us Mast Nazar Pe von के एल सेगल

Wer hat das Lied “Us Mast Nazar Pe” von के एल सेगल komponiert?
Das Lied “Us Mast Nazar Pe” von के एल सेगल wurde von D N Madhok komponiert.

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