Padosan Apni Murgi Ko Rakhna

ANANDJI KALYANJI, Akhtar Javed, ANANDJI V SHAH, JAVED AKHTAR, KALYANJI VIRJI SHAH

आए दीवाना जैसे जाता है
हा दीवाना जैसे जाता है
ज़ंजीरे तोड़के
अरे मुर्गा निकल गयामेरा
डरबे को छ्चोड़ के
तो पदोषण, अरे तो पदोषण अपनी मुर्गी को
रखना संभाल मेरा
मुर्गा हुया है दीवाना
हा पदोषण अपनी मुर्गी
को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
क्या काहु क्या क्या काहु
क्या हुया है कमाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
ओये पदोषण अपनी मुर्गी
को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना हाए हाए

आगन में धोड़े वो खोते पे भागे
अरे धोड़े रे धोड़े भागे रे भागे
हा आगन में धोड़े वो खोते पे भागे
दीवारे कूड़े नही हाथ लगे
है मुहले मे
है मुहले मे जैसे धमाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
पदोषण अपनी मुर्गी को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
अरे पदोषण अपनी मुर्गी को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना हाए हाए हाए
मुर्गा हुया है दीवाना दीवान दीवाना
अरे चोंच मे मुर्गी का पर
आधा इडार आधा उदार दो दिलो पे है असर
आधा इडार आधा उदार
अरे मुर्गा मुर्गी का दीवाना
और मई दीवाना तेरा हू तेरा हू तेरा हू
हो कई गुज़रे सन हा कई गुज़रे सन
तेरा टनखसिंघ के लिए थे सुन तेरे घॉंगरु
हा गया सीना तन गया दिल भी च्चीं
यूही बोले च्चां तेरे घुँगरू तेरे घुँगरू
अरे इसीलिए तो आज इसीलिए तो आज मे
पुबील लिए समझता हू
की पदोषण अपनी मुर्गी को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
हा पदोषण अपनी मुर्गी को रखना संभाल
अरे मेरा मुर्गा हुया है दीवाना

साँझ साँझ के साँझ को समझो
साँझ समझना भी एक साँझ है
साँझ साँझ के साँझ ना समझे
मेरी साँझ मे वो ना साँझ है
साँझ साँझ के साँझ को समझो
साँझ समझना भी एक साँझ है
साँझ साँझ के साँझ ना समझे
मेरी साँझ मे वो ना साँझ है
हा जानेमन जानेजिगर कभी देखे ना इडार
ज़ुल्म की बात करे मुझसे यू घाट करे
कहे तू कोई नही जाके अब मार भी कही
हुंसे तू प्यार ना कर वक़्त बेकार ना कर
आपके सर की कसम बेवफा है वो सनम
बेवफा है वो सनम हा
क्या सुनौउ मे बेवफा यार की यार की हा
क्या सुनौउ मे बेवफा यार की यार की
जो नही बात माने प्यार की प्यार की
अरे एक दिन अपना भी एक दिन अपना भी
दिन आएगा आएगा हा आएगा
सो सुनार की हा एक लुहार की
अरे इसीलिए तो मई कहता हू
आख़िरी बार कहता हू की प्लीज़
प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ अरे
पदोषण अपनी मुर्गी
को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
अरे रखना संभाल
मुर्गी मुर्गा हुया दीवाना
अरे पदोषण अपनी
मुर्गी को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना
रखना संभाल रखना संभाल
रखना संभाल रखना संभाल
पदोषण अपनी मुर्गी
को रखना संभाल
मेरा मुर्गा हुया है दीवाना

Wissenswertes über das Lied Padosan Apni Murgi Ko Rakhna von Amitabh Bachchan

Wer hat das Lied “Padosan Apni Murgi Ko Rakhna” von Amitabh Bachchan komponiert?
Das Lied “Padosan Apni Murgi Ko Rakhna” von Amitabh Bachchan wurde von ANANDJI KALYANJI, Akhtar Javed, ANANDJI V SHAH, JAVED AKHTAR, KALYANJI VIRJI SHAH komponiert.

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