Husn Ka Rang Mahal Kehta Hun

Zafar Gorakhpuri

हुस्न का रंग महल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ
मैं तुम्हें अपनी गाज़ल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ

देख लेता हूँ तुम्हारी सूरत
देख लेता हूँ तुम्हारी सूरत
देख लेता हूँ तुम्हारी सूरत
फिर कोई ताज़ा गाज़ल कहता हूँ
फिर कोई ताज़ा गाज़ल कहता हूँ
मैं तुम्हें अपनी गाज़ल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ

आबरा कहता हूँ तेरी ज़ुल्फोन को
आबरा कहता हूँ तेरी ज़ुल्फोन को
आबरा कहता हूँ तेरी ज़ुल्फोन को
तेरे चहेरे को कमल कहता हूँ
तेरे चहेरे को कमल कहता हूँ
मैं तुम्हें अपनी गज़ल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ

लोग क्या कहते हैं मालूम नही
लोग क्या कहते हैं मालूम नही
लोग क्या कहते हैं मालूम नही
मैं तुम्हें ताज महल कहता हूँ
मैं तुम्हें ताज महल कहता हूँ
मैं तुम्हें अपनी गज़ल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ

शायरी उसकी इनायत हैं ज़फ़र
शायरी उसकी इनायत हैं ज़फ़र
शायरी उसकी इनायत हैं ज़फ़र
मैं उसे जाने गज़ल कहता हूँ
मैं उसे जाने गज़ल कहता हूँ
मैं तुम्हें अपनी गज़ल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ
हुस्न का रंग महल कहता हूँ.

Wissenswertes über das Lied Husn Ka Rang Mahal Kehta Hun von Ashok Khosla

Wann wurde das Lied “Husn Ka Rang Mahal Kehta Hun” von Ashok Khosla veröffentlicht?
Das Lied Husn Ka Rang Mahal Kehta Hun wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Dhanak” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Husn Ka Rang Mahal Kehta Hun” von Ashok Khosla komponiert?
Das Lied “Husn Ka Rang Mahal Kehta Hun” von Ashok Khosla wurde von Zafar Gorakhpuri komponiert.

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