Jab Lage Zakhma To

Ashok Khosla

जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए
हैं याहिन रश्म तो
ये रश्म उठा दी जाए
हैं याहिन रश्म तो
ये रश्म उठा दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए

हमें इंसानों के
दुख दर्द का हल धुंध लिया
हमें इंसानों के
दुख दर्द का हल धुंध लिया
हमें इंसानों के
दुख दर्द का हल धुंध लिया
क्या बुरा है जो ये
अफवा उड दी जाए
क्या बुरा है जो ये
अफवा उड दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए

हम को घुजरी हुई सदियां
तो ना पहचाननेगी
हम को घुजरी हुई सदियां
तो ना पहचाननेगी
हम को घुजरी हुई सदियां
तो ना पहचाननेगी
आने वाले किसिक
लम्हे को सदा दी जाए
आने वाले किसिक
लम्हे को सदा दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए

हमसे पुछो के ग़ज़ल क्या है
ग़ज़ल का फैन क्या
हमसे पुछो के ग़ज़ल क्या है
ग़ज़ल का फैन क्या
हमसे पुछो के ग़ज़ल क्या है
ग़ज़ल का फैन क्या
चांद लफ्जो में
कोई आग छुपा दी जाए
चांद लफ्जो में
कोई आग छुपा दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआं दी जाए
हैं याहिन रश्म तो
ये रश्म उठा दी जाए
हैं याहिन रश्म तो
ये रश्म उठा दी जाए
जब लगे ज़खमा तो
कातिल को दुआ दी जाए

Wissenswertes über das Lied Jab Lage Zakhma To von Ashok Khosla

Wann wurde das Lied “Jab Lage Zakhma To” von Ashok Khosla veröffentlicht?
Das Lied Jab Lage Zakhma To wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Ta- Aruf” veröffentlicht.

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