Chupke Chupke Raat Din

HASRAT MOHANI, Ghulam Ali

चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का
वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है

तुझसे मिलते ही वो कुच्छ
बेबाक हो जाना मेरा
तुझसे मिलते ही वो कुच्छ
बेबाक हो जाना मेरा
और तेरा दाँतों में
वो उंगली दबाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का
वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है

चोरी चोरी हमसे तुम
आ कर मिले थे जिस जगह
चोरी चोरी हमसे तुम
आ कर मिले थे जिस जगह
मुद्दतें गुज़ारीन पर
अब तक वो ठिकाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का
वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है

खैंच लेना वो मेरा
पर्दे का कोना दफ़तन
खैंच लेना वो मेरा
पर्दे का कोना दफ़तन
और दुपट्टे से तेरा वो
मुँह च्छुपाना याद है
हमको अब तक आशिक़ी
का वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है

दोपहर की धूप में
मेरे बुलाने के लिए
दोपहर की धूप में
मेरे बुलाने के लिए
वो तेरा कोठे पे नंगे
पाँव आना याद है
हमको अब तक आशिक़ी का
वो ज़माना याद है
चुपके चुपके रात दिन
आँसू बहाना याद है

Wissenswertes über das Lied Chupke Chupke Raat Din von Ghulam Ali

Wer hat das Lied “Chupke Chupke Raat Din” von Ghulam Ali komponiert?
Das Lied “Chupke Chupke Raat Din” von Ghulam Ali wurde von HASRAT MOHANI, Ghulam Ali komponiert.

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