Dilwalo Kya Dekh Rahe Ho

GHULAM ALI SH, RAZI TIRMIZI

दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
हड्द-ए-नज़र तक यह वीरानी
साथ चलेगी, साथ चलेगी
दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
दिलवालो ओ दिलवालो

सनाटे फिर शमा के आंसू
चाट रहे हे
सनाटे फिर शमा के आंसू
चाट रहे हे
ये बस्ती जो उजड़ गयी हे
अब न बसेगी अब न बसेगी
दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
दिलवालो ओ दिलवालो

घर के अंदर सारे जंगल का
सन्नाटा, सन्नाटा
घर के अंदर सारे जंगल का
सन्नाटा, सन्नाटा
शाम हुई तो इश्स जंगल में
हवा चलेगी, हवा चलेगी
दिलवालो क्या देख रहे
इन्न रहो में, इन्न रहो में
दिलवालो ओ दिलवालो

जिनके हाथों दिल की यह
तौहीन हुई है
जिनके हाथों दिल की यह
तौहीन हुई है, तौहीन हुई है
उनके लिए भी यह दुनिया
ऐसी ना रहेगी, ऐसी ना रहेगी
दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
दिलवालो हो दिलवालो

राज़ी मिया तुम शाम से कैसे
चुप बैठे हो
राज़ी मिया तुम शाम से कैसे
चुप बैठे हो, चुप बैठे हो
कुच्छ तो बोलो ऐसी चुप से
बात बढ़ेगी, बात बढ़ेगी
दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
हड्द-ए-नज़र तक यह वीरानी
साथ चलेगी, साथ चलेगी
दिलवालो क्या देख रहे हो
इन्न रहो में, इन्न रहो में
दिलवालो हो दिलवालो

Wissenswertes über das Lied Dilwalo Kya Dekh Rahe Ho von Ghulam Ali

Wer hat das Lied “Dilwalo Kya Dekh Rahe Ho” von Ghulam Ali komponiert?
Das Lied “Dilwalo Kya Dekh Rahe Ho” von Ghulam Ali wurde von GHULAM ALI SH, RAZI TIRMIZI komponiert.

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