Mujhe Di Khabar

Qateel Shifai

मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने
मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने
के बना लिए मै दायरे
के बना लिए मै दायरे तेरी धड़कनो की सदाओ ने
मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने

न गयी कभी मेरी बेबसी एक अजीब हादसा मुझ से है
न गयी कभी मेरी बेबसी एक अजीब हादसा मुझ से है
वो ही फ़ासले तेरे शहर के वो ही बेड़ियाँ मेरी पाओं में
मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने

तेरी फुरकतों की उदास यूँ मुझे लम्हा लम्हा लिए फिरी
तेरी फुरकतों की उदास रुत मुझे लम्हा लम्हा लिए फिरी
कभी मेरे दर्द की धूप में कभी तेरी याद की छाओ में
मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने

तू हमेशा मुझ में बसी रहे मैं दुआ खुदा से करूँ मगर
तू हमेशा मुझ में बसी रहे मैं दुआ खुदा से करूँ मगर
वो तो मिल गया किसी और को जो असर था मेरी दुआ में
मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने
के बना लिए नए दायरे
के बना लिए नए दायरे तेरी धड़कनो की सदाओ ने
मुझे दी खबर तेरे शहर से इधर आने वाली हवाओ ने

Wissenswertes über das Lied Mujhe Di Khabar von Ghulam Ali

Wann wurde das Lied “Mujhe Di Khabar” von Ghulam Ali veröffentlicht?
Das Lied Mujhe Di Khabar wurde im Jahr 2001, auf dem Album “Aitbaar” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Mujhe Di Khabar” von Ghulam Ali komponiert?
Das Lied “Mujhe Di Khabar” von Ghulam Ali wurde von Qateel Shifai komponiert.

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