Para Para Hua Pairahan-E-Jaan
परा परा हुआ पैरहण-ए-जान
परा परा हुआ पैरहण-ए-जान
फिर मुझे छ्चोड़ गये चरागरण
परा परा हुआ पैरहण-ए-जान
फिर मुझे छ्चोड़ गये चरागरण
परा परा हुआ पैरहण-ए-जान
कोई आहत, ना इशारा, ना सराब
कोई आहत, ना इशारा, ना सराब
कैसा वीरान है ये दश्त-ए-इंकान
कैसा वीरान है ये दश्त-ए-इंकान
फिर मुझे छ्चोड़ गये चरागरण
परा परा हुआ पैरहण-ए-जान
वक़्त के सोग मे लम्हो का जुलूस
वक़्त के सोग मे लम्हो का जुलूस
वक़्त के सोग मे लम्हो का जुलूस
जैसे इक क़ाफ़िला-ए-नौहागरण
जैसे इक क़ाफ़िला-ए-नौहागरण
फिर मुझे छ्चोड़ गये चरागरण
परा परा हुआ पैरहण-ए-जान