Peeke Jab Hum Sharaab

Adam

पी के जब हम शराब आते हैं
पी के जब हम शराब आते हैं
दो जहाँ हम रकाब आते हैं
पी के जब हम शराब आते हैं

तेरी नज़रें बदल गयी तो क्या
तेरी नज़रें बदल गयी तो क्या
तेरी नज़रें बदल गयी तो क्या
देहेर में इंक़लाब आते हैं
देहेर में इंक़लाब आते हैं
पी के जब हम शराब आते हैं

सीधे सीधे सवाल करता हूँ
सीधे सीधे सवाल करता हूँ
सीधे सीधे सवाल करता हूँ
उल्टे उल्टे जवाब आते हैं
उल्टे उल्टे जवाब आते हैं
पी के जब हम शराब आते हैं

जर्रे खुद्दार होतो पस्सुम के
जर्रे खुद्दार होतो पस्सुम के
जर्रे खुद्दार होतो पस्सुम के
चल के खुद आफताब आते हैं
पी के जब हम शराब आते हैं
दो जहाँ हम रकाब आते हैं
पी के जब हम शराब आते हैं

Wissenswertes über das Lied Peeke Jab Hum Sharaab von Ghulam Ali

Wann wurde das Lied “Peeke Jab Hum Sharaab” von Ghulam Ali veröffentlicht?
Das Lied Peeke Jab Hum Sharaab wurde im Jahr 2001, auf dem Album “Aitbaar” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Peeke Jab Hum Sharaab” von Ghulam Ali komponiert?
Das Lied “Peeke Jab Hum Sharaab” von Ghulam Ali wurde von Adam komponiert.

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