Ranj Ki Jab Guftgu Hone Lagi [Live]

GHULAM ALI

रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
आप से तुम तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी
आप से तुम तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

चाहिए पैगाम बार दोनो तरफ
चाहिए पैगाम बार दोनो तरफ
लुत्फ़ क्या जब डू-बा-डू होने लगी
आप से तुम तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

मेरी रुसवाई की नौबत आ गई
मेरी रुसवाई की नौबत आ गई
उनकी शोहरत कू-बा-कू होने लगी
आप से तुम तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

ना-उमीदी बढ़ गई है इस कदर
ना-उमीदी बढ़ गई है इस कदर
आरज़ू की आरज़ू होने लगी
आरज़ू की आरज़ू होने लगी
अबके मिल कर देखिए क्या राग हो
फिर हमारी जूसतजू होने लगी
‘दाग’ इतराए हुए फिरते है आज
शायद उनकी आबरू होने लगी
आप से तुम तुम से तू होने लगी
रंज की जब गुफ्तगू होने लगी

Wissenswertes über das Lied Ranj Ki Jab Guftgu Hone Lagi [Live] von Ghulam Ali

Wann wurde das Lied “Ranj Ki Jab Guftgu Hone Lagi [Live]” von Ghulam Ali veröffentlicht?
Das Lied Ranj Ki Jab Guftgu Hone Lagi [Live] wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Lal -O- Gauhar : The Best Of Ghulam Ali” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Ranj Ki Jab Guftgu Hone Lagi [Live]” von Ghulam Ali komponiert?
Das Lied “Ranj Ki Jab Guftgu Hone Lagi [Live]” von Ghulam Ali wurde von GHULAM ALI komponiert.

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