Nazron Me Tha Tu
तेरे बाजों तेरे बाद
दिल रो रहा मेरा आंशु बिना
नैना दी दस तू की ऐ खता
चाहया सी तैनू अभी पायी ऐ सजा
तैनू चाहया रब्ब से ज्यादा
मैं तां खुद से
फिर भी गम ही क्यूँ पाए मैंने
नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
मेरी नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
मेरी नज़रों में था तू
खुद को नज़रों से गिराया तूने
नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
तेरे साथ बीते लम्हे मेरे हा यार
करदे ने हर पल तुझे
जान थी तो मैं ही तेरी
कह के जान लेली तूने मेरी
वे माहि वे तू भी
याद करदा है क्या मुझे
ये दो नैना कमले
होये पाए इश्क़ में
तेरे सारे जख्मो पे
मरहम लगाया मैंने
फिरभी चोट ही दी है तूने
नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
मेरी नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
मेरी नज़रों में था तू
खुद को नज़रों से गिराया तूने
नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
दिल तो लख वारी मेरा दुखाया
दिल तो लख वारी मेरा तोड्या
पर मैं एही सोचेया
की शायद एह भी मेरी गलती आ
सजा मैं खुद नु देंदा रह्या
सजा मैं खुद नु देंदा रह्या
शायद एह भी मेरी गलती आ
मेरे तन ते लख़ लागियां
जे तेरे एक लगे तू जाने
गुलाम परिंदा दिल ओथे दइये
जिथे अगला वि क़दर पछाणे
जिथे अगला वि क़दर पछाणे
नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
मेरी नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने
मेरी नज़रों में था तू
खुद को नज़रों से गिराया तूने
नज़रों में था तू
नज़रों से खुद को गिराया तूने